सोमवार, 21 नवंबर 2016

     राम-राम


सब बहिनिन-भइया के राम-राम।  .. आज हमार 46वां जन्मदिन अहई। आजइ के दिन 22 नवंबर 1969 में अवध सूबा के प्रतापगढ़ जिला के उमरपुर घाटमपुर गांव में रात लगभग नौ के करीब पृथ्वी पे अवतरित भए। यंहि 46 साल के जिंदगी में बहुत कुछ करई अउर सीखइ के मौका मिला। हासिलउ बहुत कुछ भवा। अच्छी पढ़ाई-लिखाई के साथ भगवान गुलरी के फूल अस सूघर घरइतिन, नीक अवर होशियार बिटिया अउर बेटवा। अब बतावा जिंदगी में सुखी रहइ बरे एकरे अलावा अउर का चाहे। हां हमका ई सबके अलावा बेचैनी से बेहद प्यार रहा अहइ। चैन तउ हमका काटइ दउड़ा था। आज बस एतनइ। 

शुक्रवार, 4 नवंबर 2016

राम-राम

सब बहिनिन-भइया के राम-राम
बहुत दिना से सबसे बतियाय के मन कहत रहा, लेकिन कवनऊ ना कवनऊ अड़चन आई जात रही, मुला आज हम अपने करेजा के बात कहिन देत अही। पंचऊ, ई बात सोरह आना सही बा कि अवधी बोली-बानी अऊर संस्कृति दुनिया में श्रेष्ठतम बा। अवध माने ऊ जगहां जहां पर केहू के बध ना होई। अवध के नाम सुनतई मान काने में मिसरी घूलि जा था। मन में सीता-राम के मूरत और मर्यादा साकार होई जा था। अवध और अवधी के मर्यादा फिर से स्थापित करई के बरे कऊ साल पहिले हम उमरपुर नाम से एक ब्लाग बनाए, लेकिन अड़चन पे अड़चन। यंहि तरह सालन बीति गा, करेजा के बात करेजई में रहिगा। आज सोचे के चाहे जवन होइ जाइ, आज से हम अवधी बिना रोज कुछ ना कुछ करब। हां एक बात बतावइ के भूलि गा रहे, हमार घर उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिला के ग्रामसभा घाटमपुर के मजरा उमरपुर में अहइ। एह बरे अपने ब्लाग के नाम उमरपुर रखे। हमार मजरा उमरपुर अवध के एक सुन्दर नमूना अहई।